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mata Bhajan
जय अम्बे गौरी
आदि शंकराचार्य
15 January 2024
durga
mata
traditional
devotional
navratri
Lyrics
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी। तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥ मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को। उज्ज्वल से दो नैना, चंद्रवदन नीको॥ कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै। रक्त पुष्प गल माला, कंठन पर साजै॥ केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी। सुर-नर-मुनि जन सेवत, तिनके दुःखहारी॥ कानन कुंडल शोभित, नासाग्रे मोती। कोटिक चंद्र दिवाकर, राजत सम ज्योती॥ शुम्भ-निशुम्भ बिदारे, महिषासुर घाती। धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती॥ चंडमुंड संहारे, शोणित बीज हरे। मधु कैटभ दो असुरा, मारे सुर त्राहि करे॥ ब्रह्माणी रुद्राणी, तुम कमला रानी। आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी॥ चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों। बाजत ताल मृदंगा, अरु बाजत डमरू॥ तुम ही जग की माता, तुम ही हो भर्ता। भक्तन की दुःख हर्ता, जय अम्बे गौरी॥
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