नवरात्रि व्रत - Navratri Fasting

नवरात्रि व्रत विधि - सम्पूर्ण मार्गदर्शिका

Navratri Fasting Rules, Diet & Spiritual Benefits

12 अक्टूबर, 2025
12 मिनट पढ़ने का समय

नवरात्रि व्रत का परिचय

नवरात्रि हिंदू धर्म का सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण त्योहार है जो नौ दिनों तक चलता है। इस दौरान भक्तगण माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। नवरात्रि का व्रत केवल शारीरिक उपवास नहीं है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक साधना है जो मन, शरीर और आत्मा की शुद्धि करती है।

वर्ष में दो बार नवरात्रि मनाई जाती है - चैत्र नवरात्रि (मार्च-अप्रैल) और शारदीय नवरात्रि (सितंबर-अक्टूबर)। दोनों ही नवरात्रि में व्रत रखने का विशेष महत्व है। इस व्रत को रखने से माँ दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

नवरात्रि व्रत का महत्व

नवरात्रि का व्रत आध्यात्मिक, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है:

  • आध्यात्मिक शुद्धि: मन और आत्मा की शुद्धि होती है
  • शारीरिक स्वास्थ्य: शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं
  • मानसिक शांति: चिंता और तनाव से मुक्ति मिलती है
  • आत्म-नियंत्रण: इंद्रियों पर नियंत्रण की शक्ति बढ़ती है
  • देवी कृपा: माँ दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है

नवरात्रि व्रत के नियम

1. व्रत आरंभ करने की विधि

व्रत की शुरुआत से पहले निम्नलिखित नियमों का पालन करें:

  • प्रथम दिन प्रातःकाल स्नान करके संकल्प लें
  • माँ दुर्गा से व्रत पूर्ण करने की प्रार्थना करें
  • सात्विक भोजन का संकल्प लें
  • मन में सकारात्मक विचार रखें

2. दैनिक नियम

  • प्रतिदिन प्रातःकाल स्नान अवश्य करें
  • स्वच्छ और शुद्ध वस्त्र धारण करें
  • दिन में दो बार (प्रातः और सायं) पूजा करें
  • व्रत कथा अवश्य सुनें या पढ़ें
  • सूर्यास्त के बाद भोजन न करें
  • नकारात्मक विचारों से दूर रहें

3. वर्जित वस्तुएं

व्रत के दौरान निम्नलिखित चीजों से परहेज करें:

  • अनाज (गेहूं, चावल, दाल आदि)
  • प्याज और लहसुन
  • मांसाहार और अंडे
  • नमक (सेंधा नमक की अनुमति है)
  • शराब और तंबाकू
  • हींग और जीरा (कुछ परंपराओं में)

नवरात्रि व्रत का आहार

व्रत के दौरान सात्विक और पौष्टिक भोजन करना आवश्यक है। यहाँ व्रत में खाई जाने वाली चीजों की सूची दी गई है:

✓ खाने योग्य वस्तुएं

  • • साबूदाना (खिचड़ी, खीर)
  • • आलू (सब्जी, टिक्की)
  • • कुट्टू का आटा (पूरी, पकौड़े)
  • • सिंघाड़े का आटा (हलवा, पूरी)
  • • समा के चावल
  • • मखाना (खीर, नमकीन)
  • • राजगिरा (लड्डू, चिक्की)
  • • दूध और दूध से बनी चीजें
  • • मेवे (बादाम, काजू, किशमिश)
  • • ताजे फल (केला, सेब, पपीता)
  • • शकरकंद
  • • अरबी
  • • कद्दू
  • • शहद और गुड़
  • • सेंधा नमक

✗ वर्जित वस्तुएं

  • • सभी प्रकार के अनाज
  • • दाल और दालों से बनी चीजें
  • • प्याज और लहसुन
  • • गाजर और चुकंदर (कुछ परंपराओं में)
  • • सामान्य नमक
  • • मसूर की दाल
  • • मांसाहार
  • • शराब और धूम्रपान
  • • तामसिक भोजन

व्रत का दैनिक आहार योजना

प्रातःकाल (6-8 बजे)

  • फलों का रस या नींबू पानी
  • केला या सेब
  • मखाना या मेवे
  • दूध या छाछ

मध्याह्न (12-2 बजे)

  • कुट्टू की पूरी या पराठा
  • आलू की सब्जी या कद्दू की सब्जी
  • दही या रायता
  • साबूदाना खिचड़ी

सायंकाल (4-6 बजे)

  • चाय (दूध की) या कॉफी
  • मखाना या मूंगफली
  • फल (केला, पपीता, सेब)
  • सिंघाड़े के पकौड़े या कुट्टू के पकौड़े

रात्रि भोजन (सूर्यास्त से पहले)

  • समा के चावल या साबूदाना खीर
  • शकरकंद की सब्जी
  • दही या लस्सी
  • सिंघाड़े का हलवा (मीठे के लिए)

नवरात्रि के नौ दिन - माँ दुर्गा के नौ रूप

प्रत्येक दिन माँ दुर्गा के एक विशेष रूप की पूजा की जाती है:

प्रथम दिन: माँ शैलपुत्री

रंग: पीला | भोग: घी

द्वितीय दिन: माँ ब्रह्मचारिणी

रंग: हरा | भोग: चीनी या खीर

तृतीय दिन: माँ चंद्रघंटा

रंग: स्लेटी | भोग: मालपुआ

चतुर्थ दिन: माँ कूष्मांडा

रंग: नारंगी | भोग: मालपुआ या हलवा

पंचम दिन: माँ स्कंदमाता

रंग: सफेद | भोग: केला

षष्ठ दिन: माँ कात्यायनी

रंग: लाल | भोग: शहद

सप्तम दिन: माँ कालरात्रि

रंग: नीला | भोग: गुड़

अष्टम दिन: माँ महागौरी

रंग: गुलाबी | भोग: नारियल

नवम दिन: माँ सिद्धिदात्री

रंग: बैंगनी | भोग: तिल के लड्डू

व्रत के स्वास्थ्य लाभ

नवरात्रि व्रत केवल आध्यात्मिक लाभ ही नहीं, बल्कि कई स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है:

शरीर का डिटॉक्सिफिकेशन

शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं

पाचन तंत्र सुधार

पाचन क्रिया बेहतर होती है

वजन नियंत्रण

स्वस्थ तरीके से वजन कम होता है

मानसिक स्पष्टता

एकाग्रता और याददाश्त में सुधार

रक्तचाप नियंत्रण

ब्लड प्रेशर संतुलित रहता है

ऊर्जा वृद्धि

शरीर में नई ऊर्जा का संचार

व्रत के दौरान विशेष सुझाव

  • पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें (8-10 गिलास प्रतिदिन)
  • तले-भुने पकवानों से बचें, सादा भोजन करें
  • छोटे-छोटे मील खाएं, एक बार में अधिक न खाएं
  • व्यायाम हल्का करें, अधिक परिश्रम से बचें
  • पर्याप्त नींद लें (7-8 घंटे)
  • नकारात्मक विचारों और क्रोध से दूर रहें
  • नियमित ध्यान और प्रार्थना करें

व्रत पारण विधि (व्रत तोड़ना)

नवमी के दिन या दशमी की सुबह सही मुहूर्त में व्रत पारण करना चाहिए:

  1. सुबह स्नान करके माँ दुर्गा की पूजा करें
  2. कन्या पूजन करें (नौ कन्याओं को भोजन कराएं)
  3. ब्राह्मण भोजन कराएं
  4. पूजा के बाद सबसे पहले प्रसाद ग्रहण करें
  5. फिर सामान्य भोजन धीरे-धीरे शुरू करें
  6. पहले हल्का भोजन लें, भारी भोजन से बचें
  7. दान-दक्षिणा अवश्य दें

निष्कर्ष

नवरात्रि का व्रत केवल उपवास नहीं है, बल्कि यह एक सम्पूर्ण आध्यात्मिक अनुशासन है। इस व्रत को पूरी श्रद्धा और नियमों के साथ रखने से माँ दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। व्रत के दौरान शारीरिक शुद्धि के साथ-साथ मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धि भी होती है।

सही आहार, नियमित पूजा-पाठ और सकारात्मक विचारों के साथ यह व्रत न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, बल्कि जीवन में सुख, शांति और समृद्धि भी लाता है। व्रत के नियमों का पालन करते हुए अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें।

जय माता दी! नवरात्रि की शुभकामनाएं!

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