सभी ब्लॉग देखें

दुर्गा आरती का महत्व - Durga Aarti Significance

25 अक्टूबर 2025
11 मिनट पढ़ें

माँ दुर्गा की आरती हिन्दू धर्म में सबसे पवित्र और शक्तिशाली आरतियों में से एक है। "जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी" से शुरू होने वाली यह आरती माँ दुर्गा के नौ रूपों की स्तुति और आराधना का अद्भुत माध्यम है। नवरात्रि हो या दैनिक पूजा, दुर्गा आरती का गायन अत्यंत मंगलकारी माना जाता है।

The Durga Aarti is one of the most sacred and powerful aartis in Hinduism. Beginning with "Jai Ambe Gauri, Maiya Jai Shyama Gauri", this devotional hymn is a beautiful way to worship Goddess Durga and her nine divine forms. Whether during Navratri or daily worship, singing Durga Aarti is considered extremely auspicious.

दुर्गा आरती का महत्व - Significance of Durga Aarti

आध्यात्मिक महत्व:

  • शक्ति प्राप्ति: माँ दुर्गा की कृपा से आध्यात्मिक और मानसिक शक्ति मिलती है
  • बाधा निवारण: जीवन की सभी बाधाओं और कठिनाइयों का नाश
  • सकारात्मक ऊर्जा: घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह
  • रक्षा कवच: नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा
  • मनोकामना पूर्ति: श्रद्धा से गाने पर सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं
  • आंतरिक शांति: मन को शांति और स्थिरता मिलती है

जय अम्बे गौरी आरती - Complete Lyrics

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।

तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥

ॐ जय अम्बे गौरी...

मांग सिन्दूर विराजत, टीको मृगमद को।

उज्ज्वल से दोउ नैना, चन्द्रवदन नीको॥

ॐ जय अम्बे गौरी...

कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।

रक्तपुष्प गल माला, कण्ठन पर साजै॥

ॐ जय अम्बे गौरी...

केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।

सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी॥

ॐ जय अम्बे गौरी...

कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।

कोटिक चन्द्र दिवाकर, राजत सम ज्योती॥

ॐ जय अम्बे गौरी...

शुम्भ-निशुम्भ विदारे, महिषासुर घाती।

धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती॥

ॐ जय अम्बे गौरी...

चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे।

मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥

ॐ जय अम्बे गौरी...

ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी।

आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी॥

ॐ जय अम्बे गौरी...

चौंसठ योगिनि गावत, नृत्य करत भैरू।

बाजत ताल मृदंगा, अरु बाजत डमरू॥

ॐ जय अम्बे गौरी...

तुम ही जग की माता, तुम ही हो भर्ता।

भक्तन की दुख हर्ता, सुख सम्पत्ति कर्ता॥

ॐ जय अम्बे गौरी...

भुजा चार अति शोभित, वर मुद्रा धारी।

मनवान्छित फल पावत, सेवत नर नारी॥

ॐ जय अम्बे गौरी...

कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।

श्री मालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योती॥

ॐ जय अम्बे गौरी...

श्री अम्बेजी की आरती, जो कोई नर गावे।

कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावे॥

ॐ जय अम्बे गौरी...

दुर्गा आरती करने की विधि - How to Perform Durga Aarti

आरती सामग्री:

  • घी या तेल का दीपक
  • कपूर
  • फूल और पुष्पमाला
  • धूप और अगरबत्ती
  • रोली और चावल
  • नारियल और फल
  • घंटी या शंख
  • आरती थाली

विधि विधान:

  1. 1. शुद्धता: स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें
  2. 2. पूजा स्थल: माँ दुर्गा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें
  3. 3. दीपक जलाएं: घी का दीपक और कपूर जलाएं
  4. 4. धूप-अगरबत्ती: धूप और अगरबत्ती लगाएं
  5. 5. फूल अर्पित करें: ताजे फूल चढ़ाएं
  6. 6. आरती गाएं: श्रद्धापूर्वक आरती गाएं या सुनें
  7. 7. घंटी बजाएं: आरती के समय घंटी या शंख बजाएं
  8. 8. परिक्रमा: आरती के बाद तीन बार परिक्रमा करें
  9. 9. प्रसाद वितरण: सभी को प्रसाद दें

दुर्गा आरती का उत्तम समय - Best Time for Durga Aarti

दैनिक आरती समय:

  • प्रातःकाल: सूर्योदय के समय (5-7 AM)
  • संध्याकाल: सूर्यास्त के समय (6-7 PM)
  • रात्रि: रात्रि 8-9 बजे

विशेष अवसर:

  • नवरात्रि: दिन में 2-3 बार
  • मंगलवार: विशेष शुभ दिन
  • शुक्रवार: माँ की पूजा का दिन
  • अष्टमी-नवमी: अत्यंत शुभ

दुर्गा आरती के लाभ - Benefits of Durga Aarti

  • 1.आध्यात्मिक शक्ति: मानसिक और आध्यात्मिक बल की प्राप्ति
  • 2.संकट मोचन: जीवन के सभी संकटों से मुक्ति
  • 3.रोग निवारण: शारीरिक और मानसिक रोगों से छुटकारा
  • 4.धन समृद्धि: घर में धन और समृद्धि का आगमन
  • 5.पारिवारिक सुख: परिवार में शांति और सुख
  • 6.नकारात्मकता का नाश: बुरी शक्तियों से सुरक्षा
  • 7.सफलता प्राप्ति: हर कार्य में सफलता
  • 8.भय से मुक्ति: सभी प्रकार के भय का नाश

माँ दुर्गा के नौ रूप - Nine Forms of Maa Durga

दिन 1

शैलपुत्री

दिन 2

ब्रह्मचारिणी

दिन 3

चंद्रघंटा

दिन 4

कूष्मांडा

दिन 5

स्कंदमाता

दिन 6

कात्यायनी

दिन 7

कालरात्रि

दिन 8

महागौरी

दिन 9

सिद्धिदात्री

आरती के नियम - Rules for Aarti

✓ क्या करें:

  • • स्वच्छ और पवित्र रहें
  • • भक्ति भाव से आरती करें
  • • ताजे फूल चढ़ाएं
  • • शुद्ध घी का दीपक जलाएं
  • • आरती के समय खड़े रहें
  • • सभी को प्रसाद बांटें

✗ क्या न करें:

  • • अपवित्र अवस्था में न करें
  • • गंदे कपड़े न पहनें
  • • मुरझाए फूल न चढ़ाएं
  • • आधे मन से न करें
  • • आरती के बीच में न छोड़ें
  • • नकारात्मक विचार न रखें

निष्कर्ष - Conclusion

दुर्गा आरती केवल एक धार्मिक गीत नहीं है, बल्कि यह माँ दुर्गा से जुड़ने का एक पवित्र माध्यम है। जब हम श्रद्धा और भक्ति से यह आरती गाते हैं, तो माँ दुर्गा हमारे जीवन में आकर सभी कष्टों को दूर करती हैं और हमें शक्ति प्रदान करती हैं।

नियमित रूप से दुर्गा आरती करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं और माँ की कृपा सदैव बनी रहती है। जय माता दी! 🙏

संबंधित लेख - Related Articles

इस लेख को साझा करें:
अन्य लेख पढ़ें