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शिव आरती का महत्व - Shiv Aarti Significance

2 नवंबर 2025
10 मिनट पढ़ें

भगवान शिव की आरती हिन्दू धर्म में सबसे पवित्र और प्रभावशाली आरतियों में से एक है। "ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा" से शुरू होने वाली यह आरती भोलेनाथ की स्तुति और आराधना का सर्वोत्तम माध्यम है। सोमवार हो या महाशिवरात्रि, शिव आरती का गायन अत्यंत मंगलकारी और फलदायी माना जाता है।

The Shiv Aarti is one of the most sacred and powerful devotional hymns in Hinduism. Beginning with "Om Jai Shiv Omkara, Swami Jai Shiv Omkara", this aarti beautifully praises Lord Shiva, the destroyer of evil and the ultimate yogi. Whether on Mondays or during Maha Shivratri, singing Shiv Aarti brings immense blessings and spiritual benefits.

शिव आरती का महत्व - Significance of Shiv Aarti

आध्यात्मिक महत्व:

  • संकट मोचन: भोलेनाथ की कृपा से सभी संकटों का नाश
  • पाप नाश: पिछले जन्मों के पापों से मुक्ति
  • मानसिक शांति: मन में शांति और स्थिरता आती है
  • नकारात्मकता का नाश: बुरी शक्तियों से सुरक्षा
  • मोक्ष प्राप्ति: जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति
  • सिद्धि प्राप्ति: आध्यात्मिक सिद्धियों की प्राप्ति

ॐ जय शिव ओंकारा आरती - Complete Lyrics

ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्धांगी धारा॥

ॐ जय शिव ओंकारा...

एकानन चतुरानन पंचानन राजे।

हंसासन गरुड़ासन वृषवाहन साजे॥

ॐ जय शिव ओंकारा...

दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।

त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥

ॐ जय शिव ओंकारा...

अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी।

त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥

ॐ जय शिव ओंकारा...

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।

सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥

ॐ जय शिव ओंकारा...

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूलधारी।

सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी॥

ॐ जय शिव ओंकारा...

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।

प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका॥

ॐ जय शिव ओंकारा...

त्रिगुण स्वामी की आरती जो कोई नर गावे।

कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावे॥

ॐ जय शिव ओंकारा...

शिव आरती करने की विधि - How to Perform Shiv Aarti

आरती सामग्री:

  • घी या तेल का दीपक
  • कपूर
  • बेल पत्र और धतूरा
  • रुद्राक्ष माला
  • धूप और अगरबत्ती
  • चंदन और भस्म
  • जल और दूध
  • आरती थाली और घंटी

पूजा विधि:

  1. 1. स्नान और शुद्धता: स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें
  2. 2. शिवलिंग स्थापना: शिवलिंग या शिव जी की प्रतिमा स्थापित करें
  3. 3. जल अभिषेक: शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, शहद चढ़ाएं
  4. 4. बेल पत्र: बेल पत्र और धतूरा अर्पित करें
  5. 5. चंदन तिलक: चंदन या भस्म से तिलक लगाएं
  6. 6. दीपक जलाएं: घी का दीपक और कपूर जलाएं
  7. 7. आरती गाएं: श्रद्धापूर्वक शिव आरती गाएं
  8. 8. घंटी बजाएं: आरती के समय घंटी या डमरू बजाएं
  9. 9. ॐ नमः शिवाय: मंत्र जाप करें

शिव आरती का उत्तम समय - Best Time for Shiv Aarti

दैनिक आरती समय:

  • प्रातःकाल: ब्रह्म मुहूर्त (4-6 AM)
  • संध्याकाल: सूर्यास्त के समय (6-7 PM)
  • रात्रि: रात्रि 8-9 बजे
  • मध्य रात्रि: 12 बजे (विशेष)

विशेष अवसर:

  • सोमवार: शिव जी का विशेष दिन
  • महाशिवरात्रि: सबसे महत्वपूर्ण
  • श्रावण मास: पूरे महीने विशेष
  • प्रदोष व्रत: त्रयोदशी तिथि

शिव आरती के लाभ - Benefits of Shiv Aarti

  • 1.संकट निवारण: जीवन के सभी संकटों से मुक्ति
  • 2.पाप मुक्ति: पिछले जन्मों के पापों का नाश
  • 3.मानसिक शांति: मन में शांति और स्थिरता
  • 4.रोग निवारण: शारीरिक और मानसिक रोगों से छुटकारा
  • 5.समृद्धि प्राप्ति: धन-संपत्ति में वृद्धि
  • 6.विवाह में सहायक: उचित जीवनसाथी की प्राप्ति
  • 7.आध्यात्मिक उन्नति: आत्मज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति
  • 8.नकारात्मकता का नाश: बुरी शक्तियों से पूर्ण सुरक्षा

भगवान शिव के १०८ नाम - 108 Names of Lord Shiva

ॐ शिवाय नमःॐ महेश्वराय नमःॐ शंभवे नमःॐ पिनाकिने नमःॐ शशिशेखराय नमःॐ वामदेवाय नमःॐ विरूपाक्षाय नमःॐ कपर्दिने नमःॐ नीललोहिताय नमःॐ शंकराय नमःॐ शूलपाणये नमःॐ खट्वांगिने नमःॐ विष्णुवल्लभाय नमःॐ शिपिविष्टाय नमःॐ अंबिकानाथाय नमःॐ श्रीकंठाय नमः

(शिव जी के १०८ नाम का जप अत्यंत फलदायी है)

शिव मंत्र - Shiv Mantras

पंचाक्षर मंत्र (सबसे शक्तिशाली):

"ॐ नमः शिवाय"

महामृत्युंजय मंत्र:

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

रुद्र गायत्री मंत्र:

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि।
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

शिव आरती के नियम - Rules for Shiv Aarti

✓ क्या करें:

  • • स्वच्छ और पवित्र रहें
  • • बेल पत्र जरूर चढ़ाएं
  • • भस्म या चंदन लगाएं
  • • रुद्राक्ष धारण करें
  • • सोमवार का व्रत रखें
  • • जल अभिषेक करें
  • • ॐ नमः शिवाय जाप करें

✗ क्या न करें:

  • • केतकी और चम्पा के फूल न चढ़ाएं
  • • तुलसी न चढ़ाएं
  • • नारियल का तेल न चढ़ाएं
  • • अशुद्ध अवस्था में न करें
  • • क्रोध या द्वेष न रखें
  • • मूर्ति तोड़ना या अपमान न करें
  • • जूठा न चढ़ाएं

सोमवार व्रत का महत्व - Monday Fast Significance

सोमवार भगवान शिव का दिन माना जाता है। इस दिन व्रत रखने और शिव आरती करने से विशेष फल मिलता है।

  • विवाह में सहायक: अविवाहित कन्याओं को योग्य वर मिलता है
  • दांपत्य सुख: विवाहित जोड़ों में प्रेम बढ़ता है
  • संतान सुख: संतान प्राप्ति में सहायक
  • सोलह सोमवार व्रत: लगातार 16 सोमवार का व्रत विशेष फलदायी

निष्कर्ष - Conclusion

शिव आरती केवल एक धार्मिक गीत नहीं है, बल्कि यह भोलेनाथ से जुड़ने का सबसे सरल और प्रभावशाली माध्यम है। जब हम श्रद्धा और भक्ति से यह आरती गाते हैं, तो महादेव हमारे जीवन में आकर सभी कष्टों को दूर करते हैं और हमें अपनी कृपा से सराबोर करते हैं।

नियमित रूप से शिव आरती करने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं और महादेव की कृपा सदैव बनी रहती है। हर हर महादेव! ॐ नमः शिवाय! 🙏

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